राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ राजà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उतà¥à¤¤à¤° पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ à¤à¤¾à¤— में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। यह देश का सबसे बड़ा राजà¥à¤¯ है जिसका कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² 3,42,239 वरà¥à¤— किलोमीटर है। यह देश के कà¥à¤² à¤à¥Œà¤—ोलिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का लगà¤à¤— 11% है। राजà¥à¤¯ अकà¥à¤·à¤¾à¤‚श 23 ° 03 '30.12' à¤à¤¨ और देशांतर 69 ° 29 '78.17'E के बीच घिरा है। यह à¤à¤¾à¤°à¤¤-पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सीमा के साथ पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° और पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ सीमा साà¤à¤¾ करता है जो लगà¤à¤— 1,070 किमी तक फैला हà¥à¤† है। उतà¥à¤¤à¤° और उतà¥à¤¤à¤°-पूरà¥à¤µ में यह पंजाब, हरियाणा और उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ और दकà¥à¤·à¤¿à¤£ और दकà¥à¤·à¤¿à¤£-पशà¥à¤šà¤¿à¤® में कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ घिरा हà¥à¤† है। राजà¥à¤¯ में 33 जिले हैं।
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का à¤à¥Œà¤—ोलिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° à¤à¥‚मि की विविधता के साथ चिहà¥à¤¨à¤¿à¤¤ है और यह रेत के टीलों, उपजाऊ मैदानों, पथरीली à¤à¥‚मि और कà¥à¤› जंगलों से घिरा है। विशà¥à¤µ में सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ मानी जाने वाली अरावली पहाड़ी शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला, राजà¥à¤¯ को लगà¤à¤— तिरछे बनाती है। लगà¤à¤— दो तिहाई राजà¥à¤¯ थार रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से घिरे और अरà¥à¤§ शà¥à¤·à¥à¤• जलवायॠपरिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से घिरा हà¥à¤† है। राजà¥à¤¯ का केवल 9.36% à¤à¤¾à¤— ही वन आचà¥à¤›à¤¾à¤¦à¤¨ के अंतरà¥à¤—त है।
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का हर पहलू à¤à¥‚विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के रूप में अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ और आकरà¥à¤·à¤• है। इसकी चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ विशेषता (3,500 मिलियन वरà¥à¤· से अधिक आयà¥) में से à¤à¤• से लेकर हाल तक की चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ और खनिज जमाओं की à¤à¤• विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करती हैं। धातॠका खनन à¤à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ में से à¤à¤• है जो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ (500 ई.पू.) से पहले 2,500 से अधिक वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से डेटिंग कर रहा है। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को धातॠऔर गैर-धातॠदोनों के खनिजों के संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ के रूप में माना जाता है जिसमें पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤µà¤¨ पतà¥à¤¥à¤° à¤à¥€ शामिल हैं। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में रेडियोधरà¥à¤®à¥€ खनिजों, लिगà¥à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ, पेटà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¿à¤¯à¤® और पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• गैस के संसाधन à¤à¥€ हैं।
देश में खनिजों की उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ और विविधता के मामले में राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सबसे समृदà¥à¤§ राजà¥à¤¯ है। राजà¥à¤¯ में 79 पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के खनिजों का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ है, जिनमें से 57 का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ किया जा रहा है। देश के कà¥à¤² खनिज उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ में इसकी हिसà¥à¤¸à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ 9% है।
राजà¥à¤¯ में सीसा, जसà¥à¤¤à¤¾, जिपà¥à¤¸à¤®, सोपसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨, बॉल कà¥à¤²à¥‡, केलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ, रॉक फॉसà¥à¤«à¥‡à¤Ÿ, फेलà¥à¤¡à¤¸à¥à¤ªà¤°, काओलिन, कॉपर, जैसà¥à¤ªà¤°, गारà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿ, वोलासà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ, à¤à¤®à¤°à¤¾à¤²à¥à¤¡, सिलà¥à¤µà¤°, इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• हैं। संगमरमर, सैंड सà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ और अनà¥à¤¯ सजावटी पतà¥à¤¥à¤°à¥¤
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में धातà¥à¤µà¤¿à¤• खनिज
तांबा: राजà¥à¤¯ का तांबा à¤à¤‚डार à¤à¥à¤‚à¤à¥à¤¨à¥‚, सीकर, सिरोही, उदयपà¥à¤°, à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾, अजमेर, अलवर, à¤à¤°à¤¤à¤ªà¥à¤°, चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼à¤—ढ़, राजसमंद और डूंगरपà¥à¤° जिलों में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। तांबे के अयसà¥à¤• का सबसे बड़ा संसाधन 777.17 मिलियन टन (49.86%) है, जो राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ राजà¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है और राजà¥à¤¯ कà¥à¤² देश के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ का लगà¤à¤— 32% उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करता है।
à¤à¤²à¤ˆà¤¡à¥€, जिंक और सिलà¥à¤µà¤°: राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सबसे बड़े à¤à¤²à¤ˆà¤¡à¥€-जिंक अयसà¥à¤• जमा के साथ 607.53 मिलियन टन है। नेतृतà¥à¤µ में जसà¥à¤¤à¤¾-चांदी जमा के बीच, रामपà¥à¤°à¤¾-अगà¥à¤šà¤¾ जमा सबसे बड़ा और सबसे अचà¥à¤›à¤¾ है, इसके बाद जवार और राजपà¥à¤°à¤¾à¤¡à¥‡à¤°à¤¿à¤¬à¤¾-सिंधेसर कलां और खà¥à¤°à¥à¤¦ में हैं। राजà¥à¤¯ में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤²à¤ˆà¤¡à¥€-जसà¥à¤¤à¤¾-चांदी जमावार (उदयपà¥à¤°) राजपà¥à¤°à¤¾-दरीबा-बेथà¥à¤®à¥€ (राजसमंद), रामपà¥à¤°à¤¾-अगà¥à¤šà¤¾ और पà¥à¤°-बानेरा (à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾), डेहरी (सिरोही) और कीर - घà¥à¤—रा, सावर (अजमेर) में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। )। देश को जसà¥à¤¤à¤¾ के संबंध में आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। जिंक का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ इसकी खपत से अधिक है। हालाà¤à¤•à¤¿, देश में लेड की कमी है।
मैंगनीज: राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में मैंगनीज जमा मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से बांसवाड़ा जिलों में होता है जहाठयह 22 किलोमीटर की दूरी के लिठगà¥à¤°à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से रथिमà¥à¤°à¥€ तक फैले à¤à¤• बेलà¥à¤Ÿ तक सीमित है। मà¥à¤–à¥à¤¯ निकà¥à¤·à¥‡à¤ª सिवानिया, काला-खूंटा, घटिया, लिलवानी, इटला, तामà¥à¤¬à¥‡à¤¸à¤°à¤¾ और खेरिया में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। नेगडिया (राजसमंद), और चोती-सर, बदी-सर (उदयपà¥à¤°) के पास मैंगनीज की छोटी जमा राशियाठà¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। राजà¥à¤¯ में मैंगनीज के कà¥à¤² 5.81MillionTonne संसाधनों का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया गया है।
लौह-अयसà¥à¤•: लौह-अयसà¥à¤• à¤à¤‚डार जयपà¥à¤°, उदयपà¥à¤°, à¤à¥à¤‚à¤à¥à¤¨à¥‚, सीकर, à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾, अलवर, à¤à¤°à¤¤à¤ªà¥à¤°, दौसा और बांसवाड़ा जिलों में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। राजà¥à¤¯ में लौह-अयसà¥à¤• (हेमेटाइट और मैगà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤Ÿ दोनों) के लगà¤à¤— 557.39 मिलियन टन संसाधन अनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ हैं। लौह-अयसà¥à¤• के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ इलाके मोरिजा-नीमल (जयपà¥à¤°), लालसोट (दौसा), रामपà¥à¤°à¤¾, डाबला (सीकर), टोंडा (à¤à¥à¤‚à¤à¥à¤¨à¥‚), पà¥à¤°-बानेरा, बिगोड (à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾), नथारा के पाल, थà¥à¤° (उदयपà¥à¤°) हैं। इंदरगढ़, मोहनपà¥à¤°à¤¾ (बूंदी), डिदरौली, लिलोटी, टोडà¥à¤ªà¥à¤°à¤¾, और खोरा (करौली)।
सोना: à¤à¥à¤•à¥à¤–ियाजगपà¥à¤°à¤¾-देलवाड़ा बेलà¥à¤Ÿ (बांसवाड़ा) में 0.50 गà¥à¤°à¤¾à¤® / टी कट-ऑफ गà¥à¤°à¥‡à¤¡ के साथ कà¥à¤² 105.81 मिलियन टन सोने के संसाधनों का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया गया था। दौसा जिले के ढाणी-बसेरी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में तांबा, अलवर जिले के खेरामà¥à¤‚डियावास कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° और सीकर जिले के दोकान कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में à¤à¥€ सोना साबित हà¥à¤†à¥¤ बगल में, खेतड़ी कॉपर-बेलà¥à¤Ÿ (जिला à¤à¥à¤‚à¤à¥à¤¨à¥‚) में à¤à¤• उपोतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ के रूप में à¤à¥€ सोना निकाला जाता है।
टंगसà¥à¤Ÿà¤¨: टंगसà¥à¤Ÿà¤¨ रणनीतिक महतà¥à¤µ की à¤à¤• धातॠहै। टंगसà¥à¤Ÿà¤¨ के मà¥à¤–à¥à¤¯ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ वोलà¥à¤«à¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤‡à¤Ÿ [(Fe, Mn, WO4], और सà¥à¤•à¥€à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ (CaWO4) हैं। राजà¥à¤¯ में टंगसà¥à¤Ÿà¤¨ अयसà¥à¤• के लगà¤à¤— 23.92 मिलियन टन संसाधन हैं जो कà¥à¤² देश के संसाधनों का लगà¤à¤— 17% है। डेगाना, जिला नागौर, और बलदा और उडवारिया, जिला सिरोही के पास महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जमा होते हैं। डेगाना और बलदा à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° ऑपरेटिव खदानें थीं, जो धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की मातà¥à¤°à¤¾ का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करती थीं। हालांकि, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• गैर-वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के कारण उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बंद कर दिया गया है।
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में उरà¥à¤µà¤°à¤• खनिज
रॉक फ़ॉसà¥à¤«à¤¼à¥‡à¤Ÿ: रॉक फ़ॉसà¥à¤«à¤¼à¥‡à¤Ÿ जमा मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से à¤à¤¾à¤®à¤°-कोतरा, मटून, कानपà¥à¤°, ढोलकी पाटी, डाकन-कोतरा, उदयपà¥à¤° जिले के खरबियोन का गà¥à¤°à¤¾, बांसवाड़ा जिले के राम कामà¥à¤¨à¤¾, सलà¥à¤²à¥‹à¤ªà¤¾à¤Ÿ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°, जैसलमेर जिले के बिसमानिया और फतेहगढ़ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं, अचरोल जयपà¥à¤° जिला और अलà¥à¤•à¤¾ जिले में अडà¥à¤•à¤¾-औरवारी। à¤à¤¾à¤®à¤°-कोटरा रॉक-फॉसà¥à¤«à¥‡à¤Ÿ जमा देश में सबसे बड़ा जमा है।
जिपà¥à¤¸à¤®: राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में देश में जिपà¥à¤¸à¤® के 82% संसाधनों की कà¥à¤² संखà¥à¤¯à¤¾ 1,055.55 मिलियन टन है। राजà¥à¤¯ कà¥à¤² उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ का 99% योगदान करते हà¥à¤ अगà¥à¤°à¤£à¥€ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• बना हà¥à¤† है। सेलनेइट का पूरा उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ राजà¥à¤¯ के बाड़मेर और बीकानेर जिलों में तीन ऑपरेटिंग खानों से होता है। जिपà¥à¤¸à¤® बीकानेर, नागौर, बाड़मेर, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤—ढ़, जैसलमेर, शà¥à¤°à¥€à¤—ंगानगर, और जालोर जिलों में पाया जाता है।
पोटाश: राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में उप-सतही हलवाई असर वाले à¤à¤ªà¥à¤°à¥‹à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤Ÿà¥à¤¸ 30,000 वरà¥à¤— किमी के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पाठजाते हैं, जो शà¥à¤°à¥€à¤—ंगानगर, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤—ढ़, बीकानेर, चूरू और नागौर जिलों के कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ को कवर करते हैं। बीकानेर, हनसेरा, अरà¥à¤œà¥à¤¨à¤¸à¤°, घरसीसर, जैतपà¥à¤°, सतीपà¥à¤°à¤¾, à¤à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¥€ और लखासर के आसपास 2% K यà¥à¤•à¥à¤¤ आठउप-बेसिन / डिपोरà¥à¤¨à¥‡à¤°à¥à¤¸ या पोटाश खनिज की पहचान की गई है। इनमें से, पिछले चार डिपोतà¥à¤°à¥‡à¤¸ को पोटाश खनिज के लिठसंà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ माना जाता है। 3% K के कट-ऑफ गà¥à¤°à¥‡à¤¡ पर सतीपà¥à¤°à¤¾, à¤à¤¾à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¥€ और लखासर उप-बेसिन में अनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ à¤à¤‚डार लगà¤à¤— 2,476.58 मिलियन टन है। राजà¥à¤¯ में जिपà¥à¤¸à¤®, रॉकफॉसà¥à¤«à¥‡à¤Ÿ और पोटाश के आधार पर उरà¥à¤µà¤°à¤• उदà¥à¤¯à¥‹à¤— सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने की परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ गà¥à¤‚जाइश है।
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में आयामी और सजावटी पतà¥à¤¥à¤°
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के आयामी और सजावटी पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ का विशाल à¤à¤‚डार है और इन पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ में à¤à¤• शेर की हिसà¥à¤¸à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है। पतà¥à¤¥à¤° खनन और पà¥à¤°à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤°à¤£ उदà¥à¤¯à¥‹à¤— 12% पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· की दर से बढ़ रहे हैं। राजà¥à¤¯ मारà¥à¤¬à¤², सैंडसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ और फà¥à¤²à¥ˆà¤—ी लाइमसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ (कोटा सà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨) का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• है, जबकि राजà¥à¤¯ में गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ लगातार बढ़ रहा है। मारà¥à¤¬à¤² की बेहतरीन गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ के बेहतरीन संसाधन होने के कारण राजà¥à¤¯ अनà¥à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से अलग है।
गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ:
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बड़े पैमाने पर गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ और संबदà¥à¤§ चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के बड़े à¤à¤‚डार से संपनà¥à¤¨ है, जो जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° राजà¥à¤¯ के दकà¥à¤·à¤¿à¤£-पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€, पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ और उतà¥à¤¤à¤° पूरà¥à¤µà¥€ हिसà¥à¤¸à¥‡ तक सीमित हैं। गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ रंगों, बनावट और उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ की विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला में होता है। गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ जमा राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के 33 में से 23 जिलों में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ जमा सांकरा, लाखा (जैसलमेर) में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं; राखी, फूलन, मोकलसर, मà¥à¤‚गेरिया, मेली (बाड़मेर); कवला, खंबी, à¤à¥à¤¤à¥€, केशवाना, कोटकासà¥à¤¤à¤¾, तबाब, मेलावास, नबी (जालोर); सैनपà¥à¤°, सियंकरा, इदरला, जीरावल (सिरोही); जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤—ढ़, कटार, किड़ीमल, (à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾); मकर, रिजनी, रसोडा (à¤à¥à¤‚à¤à¥à¤¨à¥‚); डांग गेलपà¥à¤°, रामलिया, à¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤¯ (अजमेर); खेजड़ला, चोखरी-खà¥à¤°à¥à¤¦, छोकरी-कलां (जोधपà¥à¤°); अजीतगढ़ (सीकर) और मालकोट (राजसमंद)। गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤°à¤£ इकाइयाठजालोर, किशनगढ़, अबूरावद, शाहपà¥à¤°à¤¾ (जयपà¥à¤°), चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼à¤—ढ़, उदयपà¥à¤°, राजसमंद, आदि में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं।
संगमरमर:
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के मारà¥à¤¬à¤² जमा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ रंगों और रंगों में होते हैं। मकराना का सफेद संगमरमर, राजसमंद का ऑफ-वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿ और गà¥à¤°à¥‡à¤¶-वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿ मारà¥à¤¬à¤², ऋषà¤à¤¦à¥‡à¤µ-केसरियाजी का गà¥à¤°à¥€à¤¨ मारà¥à¤¬à¤², बाबरमल का गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ संगमरमर, बांसवाड़ा का ऑफ वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿ मारà¥à¤¬à¤², काला संगमरमर à¤à¥ˆà¤¸à¤²à¤¾à¤¨à¤¾, जैसलमेर का पीला संगमरमर, आदि राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में राजà¥à¤¯ के 33 में से 20 जिलों में बेहतर गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ वाले संगमरमर के 1,100.00 मिलियन टन à¤à¤‚डार हैं, जो देश में सबसे बड़े हैं। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में देश की लगà¤à¤— 95% पà¥à¤°à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤°à¤£ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ है। राजà¥à¤¯ में कई गैंग आरी और कई ऑटोमैटिक टाइलिंग पà¥à¤²à¤¾à¤‚ट चल रहे हैं। राजà¥à¤¯ में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤°à¤£ केंदà¥à¤° मकराना, जयपà¥à¤°, अलवर, अजमेर, उदयपà¥à¤°, नाथदà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, राजसमंद, अबू रोड और किशनगढ़ हैं। मकराना (नागौर) में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कैलिसिटिक और डोलोमिटिक मारà¥à¤¬à¤² जमा हैं; सेरवा-पेरवा (सिरोही); तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾-सà¥à¤‚दरी, ओड़ा-बसà¥à¤¸à¥€ (बांसवाड़ा); राजनगर, केलवा, अगरिया, पारबती, निà¤à¤°à¤¨à¤¾, मोरवाड़, तलाई आदि, (राजसमंद); अंधी, शंकà¥à¤¤à¤°à¤¾, राजसला, à¤à¥ˆà¤‚सलाना (जयपà¥à¤°); जसपà¥à¤°à¤¾, मंडेरिया, बाबरमल (उदयपà¥à¤°); मूलसागर, जेठवाई (जैसलमेर); सांवर, कायर (अजमेर); à¤à¤¿à¤°à¥€, राजगढ़ (à¤à¤µà¤°) और उमर-पगारा (बूंदी)। सरपेंट मारà¥à¤¬à¤² (गà¥à¤°à¥€à¤¨ मारà¥à¤¬à¤²) ऋषà¤à¤¦à¥‡à¤µ, उनिथल, à¤à¥‚टाला (उदयपà¥à¤°), बीदासर (चूरू) और मल-सà¥à¤°à¤¤à¤¾, देवल, रोहनवाड़ा, दचकी, मानपà¥à¤°, मेटली (डूंगरपà¥à¤°) में पाया जाता है। à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में घरेलू खपत के साथ-साथ निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ के लिठबढ़ती मांग को पूरा करने के लिठमारà¥à¤¬à¤² उदà¥à¤¯à¥‹à¤— को तैयार करने का कारण है।
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक और अनà¥à¤¯ गैर धातॠखनिज
बेराइटà¥à¤¸: अब तक, राजà¥à¤¯ में 2.99 मिलियन टन à¤à¤‚डार का आकलन किया गया है। अलवर और उदयपà¥à¤° जिलों में बेराइटà¥à¤¸ की महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जमा होती है। अलवर में यह सैनीपà¥à¤°à¥€, ज़हीर का केरा, रामसिंहपà¥à¤°à¤¾, à¤à¤¾à¤¨à¤–ेड़ा, करोली, जमरोली, उमà¥à¤°à¥‡à¤¨, गिरारा, धोलेरा और 75,000 टन के à¤à¤• रिजरà¥à¤µ 95% BaSO4 के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में होता है। उदयपà¥à¤° जिले में यह गà¥à¤°à¤¾à¤® रिलपतिया के पास पाया जाता है जहाठलगà¤à¤— 1 मिलियन टन à¤à¤‚डार में 80-95% BaSO4 हैं। राजसमंद जिले में बरवेटà¥à¤¸ डेलवारा-केसà¥à¤²à¥€-नाथदà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बेलà¥à¤Ÿ में होता है, लगà¤à¤— 41,000 टन जिसमें 60-95% BaSO4 होते हैं। इसी तरह à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ जिले में 1,600 टन का à¤à¤‚डार है जिसमें 80-90% BaSO4 हैं।
Calcite: राजà¥à¤¯ में Calcite संसाधनों के कà¥à¤² 12.02 मिलियन टन का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया गया है। वे सिरोही जिले के बेलà¥à¤•à¤¾à¤ªà¤¹à¤¾à¤°, खिला, और उदयपà¥à¤° जिले के खेरा तरला, ढिंकली गेफाल और रबाच, à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ जिले के तेजा वास, दौलतगढ़, अमलदा, घरà¥à¤Ÿà¤¾ और जेटपà¥à¤°à¤¾ में हैं।
कà¥à¤²à¥‡: बॉल कà¥à¤²à¥‡, फायर कà¥à¤²à¥‡ और चाइना कà¥à¤²à¥‡ के राजà¥à¤¯ में कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ 31.8 मिलियन टन, 66.42 मिलियन टन और 432.51 मिलियन टन के अपने जà¥à¤žà¤¾à¤¤ à¤à¤‚डार हैं। मिटà¥à¤Ÿà¥€ के à¤à¤‚डार के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ हैं: बीकानेर जिला (नाल, कोलायत, कोटड़ी, बरसिंहसर, मोटावता, इंडो का बाला, मौखा, मà¥à¤§, गà¥à¤°à¤¾, चानी, आदि), पाली जिले (लिथरिया, खारडिया, आदि), जैसलमेर जिला। (देवीकोट, मंडई, नारई, आदि), नागौर जिले (मà¥à¤‚डवा, खजवाना, रोल, इंदावर, लूनियास, बड़गांव, बासनी, आदि), बाड़मेर जिले (गà¥à¤‚जा, कपूरी, जालिपा, आदि), à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ जिला (मंगरà¥à¤ª)। कोटड़ी, जहजपà¥à¤°, आदि), चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼à¤—ढ़ जिला (à¤à¤°à¤², सावा, कंथरिया, बनसà¥à¤¥à¥€, सहवा इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿), जयपà¥à¤° जिला (टोरडा, बà¥à¤–ारा, फतेहपà¥à¤°, आदि), बà¥à¤‚देल जिले (देवखेड़ा), करौली जिला (सपोटरा, टोडा)। à¤à¥€à¤®), सवाई माधोपà¥à¤° जिला (बसà¥, रायसेना, आदि), सीकर जिला (महावा, मोंडा, आदि), अजमेर जिला (मालिया, लà¥à¤˜à¤¿à¤¯à¤¾, आदि), और जोधपà¥à¤° जिले (जà¥à¤¯à¥‚सिया, रामासनी-रामपà¥à¤°à¤¾, खेरदिया, आदि) ।)।
डोलोमाइट: राजà¥à¤¯ में डोलोमाइट के कà¥à¤² 460.17 मिलियन टन संसाधन हैं। डोलोमाइट जमा में बाजला-काबरा (अजमेर), मंडल, कोशीथल (à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾), चितà¥à¤¤à¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾-गोरेला-चंदा खेरी (चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼à¤—ढ़), कोटपूतली, मनवा रामगढ़, à¤à¤²à¥€à¤¸à¤¾à¤¨à¤¾ (जयपà¥à¤°), चाचा, ओडानिया (जैसलमेर), इंडो-की-इंडà¥à¤¸ शामिल हैं। -धानी, इंदोलाई-का-तालाब, रथोरो-का-धोरा (जोधपà¥à¤°), कलोरा (उदयपà¥à¤°), सीमल, हलà¥à¤¦à¥€à¤˜à¤¾à¤Ÿà¥€, अछिबोरी, ओडान-लाल-मादà¥à¤°à¥€, घोडाच, नेरच करोली-कसोली (राजसमंद)।
चूना पतà¥à¤¥à¤°: राजà¥à¤¯ सà¤à¥€ गà¥à¤°à¥‡à¤¡à¥‹à¤‚ के 21,660 मिलियन टन चूना पतà¥à¤¥à¤° के à¤à¤‚डार के विशाल à¤à¤‚डार से संपनà¥à¤¨ है, जो मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से जैसलमेर जिले के समà¥à¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤²à¤¾-सानू-खिनà¥à¤¯à¤¾-खिनसर-राता-मंधा चूना पतà¥à¤¥à¤° बेलà¥à¤Ÿ तक सीमित है। 25 सीमेंट गà¥à¤°à¥‡à¤¡ चूना पतà¥à¤¥à¤° राजà¥à¤¯ के 33 जिलों में से 25 जिलों में पाया जाता है। सीमेंट गà¥à¤°à¥‡à¤¡ चूना पतà¥à¤¥à¤° के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जिले चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼à¤—ढ़, नागौर, जैसलमेर, पाली, à¤à¥à¤‚à¤à¥à¤¨à¥‚, सिरोही, अजमेर, बांसवाड़ा और उदयपà¥à¤° हैं। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में राजà¥à¤¯ में 21 बड़े सीमेंट संयंतà¥à¤° और 2 मधà¥à¤¯à¤® आकार के सीमेंट संयंतà¥à¤° 55 मिलियन टन की वारà¥à¤·à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ के साथ मौजूद हैं। जैसलमेर, चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼à¤—ढ़, नागौर और à¤à¥à¤‚à¤à¥à¤¨à¥‚ जिले में 40 से अधिक पà¥à¤°à¤®à¥à¤– सीमेंट संयंतà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने की गà¥à¤‚जाइश है। देश में सीमेंट के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ में राजà¥à¤¯ पहले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर है।
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