कोरनà¥à¤¡à¤®: कोरनà¥à¤¡à¤® à¤à¤²à¥à¤¯à¥‚मीनियम ऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ (Al2O3) का à¤à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤²à¥€à¤¯ रूप है जिसमें लोहे, टाइटेनियम और कà¥à¤°à¥‹à¤®à¤¿à¤¯à¤® के निशान होते हैं। यह à¤à¤• रॉक बनाने वाला खनिज है। पारदरà¥à¤¶à¥€ नमूनों का उपयोग रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ के रूप में किया जाता है, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ माणिक कहा जाता है। रंग वाले को नीलम कहा जाता है। कोरंडम मेटामोरà¥à¤«à¤¿à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤²à¥€à¤¯ लिमसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ और डोलोमाइटà¥à¤¸ का à¤à¤• खनिज है, साथ ही अनà¥à¤¯ मेटामॉरà¥à¤«à¤¿à¤• रॉक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जैसे कि गनीस और विदà¥à¤µà¤¾à¤¨; आगà¥à¤¨à¥‡à¤¯ चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ जैसे गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ और नेफलाइन सीनाइट। मणि कोरनà¥à¤¡à¤® अकà¥à¤¸à¤° पà¥à¤²à¤¸à¤° जमा में पाठजाते हैं। गैर-मणि कोरंडम दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में है, लेकिन मणि सामगà¥à¤°à¥€ घटना में अधिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚धित है।
हीरा: पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सबसे पहले थे, इसकी सà¥à¤‚दरता और कठोरता के लिठखनिज हीरे का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना। डायमंड की खोज à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ ने आठवीं शताबà¥à¤¦à¥€ ई.पू. वे इसके दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤• सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ से हीरे इकटà¥à¤ ा करते थे यानी, तलछट में बजरी के बेड और बजरी के बार। इस पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ परंपरा के बावजूद, हीरे के पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤°à¥‹à¤¤ किमà¥à¤¬à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ, लैंपरोइट और अनà¥à¤¯ किमà¥à¤¬à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ कबीले चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ हैं। ये सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ और अनà¥à¤¯ देशों में पाठजाते हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ अपने हीरे के काटने और चमकाने के कारोबार के लिठविशेष रूप से छोटे आकार के हीरे के लिठजाना जाता है। हीरे पर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° कारोबार à¤à¤¾à¤°à¤¤ में होता है, खासकर गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के सूरत में। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ हीरा उदà¥à¤¯à¥‹à¤— वैशà¥à¤µà¤¿à¤• पॉलिश हीरे के बाजार का लगà¤à¤— 80% हिसà¥à¤¸à¤¾ संà¤à¤¾à¤²à¤¤à¤¾ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हीरे की घटनाà¤à¤ काफी वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• हैं। हीरे के सà¥à¤°à¥‹à¤¤ चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के घटने के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° मोटे तौर पर तीन हीरे पà¥à¤°à¤¾à¤‚तों में वरà¥à¤—ीकृत किठगठहैं, जैसे कि दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ हीरा पà¥à¤°à¤¾à¤‚त (SIDP), मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ हीरा पà¥à¤°à¤¾à¤‚त (CIDP) और पूरà¥à¤µ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ हीरा पà¥à¤°à¤¾à¤‚त ( EIDP)।
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में, à¤à¤¾à¤°à¤¤ के हीरे के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को चार कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में बांटा गया है: आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पथ, जिसमें अनंतपà¥à¤°, कà¥à¤¡à¤¾à¤ªà¤¾à¤¹, गà¥à¤‚टूर, कृषà¥à¤£à¤¾, महबूबनगर और कà¥à¤°à¤¨à¥‚ल जिले शामिल हैं; मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पथ, जिसमें पनà¥à¤¨à¤¾ बेलà¥à¤Ÿ शामिल है; छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ के बसà¥à¤¤à¤° जिले में रायपà¥à¤° जिले में बेहराडिन-कोडावली कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° और तोकापाल, दà¥à¤—ापाल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°; और ओडिशा में पूरà¥à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पथ, महानदी और गोदावरी घाटियों के बीच सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है।
गारà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿ: गारà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿ खनिजों के समूह का à¤à¤• सामूहिक नाम है। गारà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿ तेज कोणीय छेनी-धार वाले फà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤šà¤° के साथ कठिन है, जिसमें छोटी मातà¥à¤°à¤¾ में मà¥à¤•à¥à¤¤ सिलिका होती है और शारीरिक और रासायनिक हमलों के लिठउचà¥à¤š पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करता है। यह à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¥€ खनिज है और आम तौर पर अवसादों में अनाज पाया जाता है। इसका उपयोग अरà¥à¤§-कीमती पतà¥à¤¥à¤° के रूप में और अपघरà¥à¤·à¤• के रूप में à¤à¥€ किया जाता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में, गारà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿ जमा आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, केरल, ओडिशा, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ और तमिलनाडॠमें होते हैं।
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के अजमेर, जयपà¥à¤°, किशनगढ़, टोंक और उदयपà¥à¤° जिलों में जेम विविधता होती है; आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के कृषà¥à¤£à¤¾, नेलà¥à¤²à¥‹à¤° और वारंगल जिले; और तमिलनाडॠके कोयमà¥à¤¬à¤Ÿà¥‚र, नीलगिरि और सलेम जिले। गारà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿ समà¥à¤¦à¥à¤° तट की रेत के साथ केरल, ओडिशा और तमिलनाडॠराजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में इलà¥à¤®à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ, रूटाइल, सिलिमेनाइट आदि के साथ पाया जाता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में गारà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿ के कà¥à¤² संसाधन 56.96 मिलियन टन हैं। अकेले तमिलनाडॠमें कà¥à¤² संसाधनों का 59% से अधिक हिसà¥à¤¸à¤¾ है, इसके बाद आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ 33% और ओडिशा 6% है। शेष राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने à¤à¤• साथ 2% से कम साà¤à¤¾ किया।
सोना: सोना à¤à¤• शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ धातॠहै। पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨à¤¤à¤¾ के बाद से यह मानव जाति दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• मूलà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨ है। इसका उपयोग सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ और सजावटी उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤• अलंकरण के रूप में किया जाता है। यह धन का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है और सिकà¥à¤•à¥‡ के लिठउपयोग किया जाता है। सोना दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¤• अपेकà¥à¤·à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ धातॠहै और à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤• दà¥à¤°à¥à¤²à¤ वसà¥à¤¤à¥ है। देश में सोने के अयसà¥à¤• के कà¥à¤² संसाधनों का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगà¤à¤— 493.69 मिलियन टन था। सोना मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से à¤à¤• देशी धातॠके रूप में होता है।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सोना: राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, सोने के अयसà¥à¤• (पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•) के संदरà¥à¤ में सबसे बड़े संसाधन बिहार (45%) में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं, इसके बाद राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (23%) और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• (22%), पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल (3%), और आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ हैं। और मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• 2%)। शेष 3% संसाधन छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, केरल, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° और तमिलनाडॠमें सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। धातॠसामगà¥à¤°à¥€ के मामले में, करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, बिहार, आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और à¤à¤¾à¤°à¤–ंड के बाद शीरà¥à¤· पर रहा।
रूबी: à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• काल से, माणिक और नीलम महारतà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ('महान रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚') में शà¥à¤®à¤¾à¤° हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ जौहरियों ने रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ को दो मà¥à¤–à¥à¤¯ समूहों में बांटा था: महारतà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ ('महान रतà¥à¤¨') और उपरतà¥à¤¨à¤£à¥€ ('दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤• रतà¥à¤¨')। पूरà¥à¤µ वरà¥à¤— में हीरा, मोती, माणिक, नीलम और पनà¥à¤¨à¤¾ रखा गया था। दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ तमिलनाडॠऔर करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में करूर-कंगà¥à¤¯à¤® और होल-नरसीपà¥à¤° बेलà¥à¤Ÿ कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ नीलम, मूनसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨, आयोलाइट, à¤à¤•à¥à¤µà¤¾à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¨, गारà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿ, सनसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ और कोरनà¥à¤¡à¤® सहित अपने रतà¥à¤¨ के लिठउपमहादà¥à¤µà¥€à¤ª में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हैं। खà¥à¤¦ करूर शहर माणिक के लिठजाना जाता है। रूबी करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• के मडिकेरी के पास सà¥à¤¬à¥à¤°à¤®à¤£à¥à¤¯à¤¾ (जिसे रेड हिलà¥à¤¸ à¤à¥€ कहा जाता है) में पाया जाता है। मडिकेरी से लगà¤à¤— 280 किलोमीटर (117 मील) की दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ चनà¥à¤¨à¤ªà¤Ÿà¤¨à¤¾ अपने सà¥à¤Ÿà¤¾à¤° माणिक के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है।
नीलम: नीलम ("पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥à¤¯ नीलम") नीले कोरनà¥à¤¡à¤® को दिया गया नाम है। नीलम रंग में सबसे अनिवारà¥à¤¯ रूप से रूबी से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ होता है, यह इसके अलावा है, हालांकि, थोड़ा कठिन है, कोरनà¥à¤¡à¤® की सà¤à¥€ किसà¥à¤®à¥‹à¤‚ में सबसे कठिन है। कशà¥à¤®à¥€à¤° के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ नीलम उतà¥à¤¤à¤° पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के महान हिमालयी पहाड़ों में à¤à¤• दूरदराज के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से खनन किठजाते हैं।
चाà¤à¤¦à¥€: चाà¤à¤¦à¥€ पाà¤à¤š महान धातà¥à¤“ं में से à¤à¤• है। इसमें शानदार सफेद रंग, अचà¥à¤›à¤¾ मैलाबैलिटी और वायà¥à¤®à¤‚डलीय ऑकà¥à¤¸à¥€à¤•à¤°à¤£ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ है। यह हमेशा à¤à¤• उचà¥à¤š वांछित कीमती धातॠरही है और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में किसी à¤à¥€ अनà¥à¤¯ धातॠकी तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में अधिक औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों में उपयोग की जाती है। इसके मौदà¥à¤°à¤¿à¤• और सजावटी उपयोगों के अलावा, इसका उपयोग मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ विदà¥à¤¯à¥à¤¤ सरà¥à¤•à¤¿à¤Ÿà¥‹à¤‚, इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• कंडकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ के लिठकोटिंग और बिजली के संपरà¥à¤•à¥‹à¤‚ के लिठसोने और तांबे की मिशà¥à¤° धातà¥à¤“ं में किया जाता है। इसका कà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾à¤‡à¤¡ और आयोडाइड पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ संवेदनशील हैं और इसलिठइसका उपयोग फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¤¿à¤• सामगà¥à¤°à¥€ में किया जाता है। सà¥à¤•à¥à¤°à¥ˆà¤ª के रूप में इसकी आपूरà¥à¤¤à¤¿ में योगदान के लिठये दो आधà¥à¤¨à¤¿à¤• उपयोग जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में चांदी के छोटे और अनोखे à¤à¤¾à¤°à¤• जमा को छोड़कर कोई देशी चांदी जमा नहीं है। सिलà¥à¤µà¤° होता है, आम तौर पर, सीसा, जसà¥à¤¤à¤¾, तांबा और सोने के अयसà¥à¤•à¥‹à¤‚ के साथ। देश में चांदी के अयसà¥à¤• के कà¥à¤² संसाधन लगà¤à¤— 466.98 मिलियन टन होने का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में चांदी: राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में अयसà¥à¤• के संदरà¥à¤ में लगà¤à¤— 87% संसाधन, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड में 5%, आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में 4% और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में 2% है। मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड, ओडिशा, मेघालय, सिकà¥à¤•à¤¿à¤®, तमिलनाडॠऔर महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° ने मिलकर 2% अयसà¥à¤• संसाधन साà¤à¤¾ किà¤à¥¤
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