कà¥à¤²à¥‡:
कà¥à¤²à¥‡ शबà¥à¤¦ का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की मिटà¥à¤Ÿà¥€ की सामगà¥à¤°à¥€ से है। वे à¤à¤²à¥à¤¯à¥‚मिना, सिलिका और पानी से समृदà¥à¤§ खनिजों से बने हैं। कà¥à¤²à¥‡ à¤à¤• à¤à¤•à¤² खनिज नहीं है, लेकिन इसमें कई खनिज शामिल हैं। कà¥à¤²à¥‡ आमतौर पर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सà¤à¥€ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में पाया जाता है। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के बाद से, ईंटों से लेकर मिटà¥à¤Ÿà¥€ के बरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ तक सब कà¥à¤› के लिठमिटà¥à¤Ÿà¥€ का उपयोग किया गया है। सà¤à¥€ जहाजों को मिटà¥à¤Ÿà¥€ का उपयोग करके पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ लोगों के रूप में बनाया गया था।
कà¥à¤²à¥‡ मिनरलà¥à¤¸:
मिटà¥à¤Ÿà¥€ के खनिज आसानी से पहचाने जाने योगà¥à¤¯ नहीं होते हैं। à¤à¤•à¥à¤¸-रे विवरà¥à¤¤à¤¨ विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ के आविषà¥à¤•à¤¾à¤° के बाद, मिटà¥à¤Ÿà¥€ के खनिजों का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किया गया है। कà¥à¤²à¥‡ में आयरन ऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ (जंग), सिलिका, और चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ के टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‡ जैसी अनà¥à¤¯ सामगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥€ हो सकती हैं। अधिकतर, अशà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤ मिटà¥à¤Ÿà¥€ की विशेषताओं में परिवरà¥à¤¤à¤¨ करती हैं। उदाहरण के लिà¤, लोहे के आकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ लाल होने के लिठà¤à¤• मिटà¥à¤Ÿà¥€ बनाती है। सिलिका की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से मिटà¥à¤Ÿà¥€ की पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ बढ़ जाती है। उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों में 6 पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में वरà¥à¤—ीकृत किया जाता है। ये शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं बॉल कà¥à¤²à¥‡, बेंटोनाइट, कॉमन कà¥à¤²à¥‡, फायर कà¥à¤²à¥‡, मà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€ और काओलिन।
बॉल कà¥à¤²à¥‡:
बॉल कà¥à¤²à¥ˆà¤¸ तलछटी, पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤•, आग रोक कà¥à¤²à¥€à¤µà¥‡à¤œ होते हैं, जो सफेद या लगà¤à¤— इतने पर आग लगाते हैं। वे मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿà¤µà¥‡à¤¯à¤° के अवयवों में से à¤à¤• के रूप में और अनà¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठउपयोग किठजाते हैं जहां अचà¥à¤›à¥€ संबंध शकà¥à¤¤à¤¿ का रिफà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤°à¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। गेंद के खंà¤à¥‡ अचà¥à¤›à¥€ गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ वाले मिटà¥à¤Ÿà¥€ के बरà¥à¤¤à¤¨ हैं जिनका उपयोग जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° मिटà¥à¤Ÿà¥€ के बरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ के उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों में किया जाता है। उनकी पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° करने के लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अनà¥à¤¯ खणà¥à¤¡à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ जोड़ा जाता है। मिटà¥à¤Ÿà¥€ की अनà¥à¤¯ किसà¥à¤®à¥‹à¤‚ की तरह बॉल कà¥à¤²à¥‡à¤œà¤¼ आम नहीं हो रहे हैं। बॉल कà¥à¤²à¥‡ का उपयोग फरà¥à¤¶ और दीवार टाइल बनाने के लिठकिया जाता है। उनका उपयोग सैनिटरी वेयर, पॉटरी और अनà¥à¤¯ उपयोग करने के लिठà¤à¥€ किया जाता है।
सामानà¥à¤¯ मिटà¥à¤Ÿà¥€ और आग मिटà¥à¤Ÿà¥€:
सामानà¥à¤¯ मिटà¥à¤Ÿà¥€ का उपयोग निरà¥à¤®à¤¾à¤£ सामगà¥à¤°à¥€ जैसे ईंट, सीमेंट, और हलà¥à¤•à¥‡ समà¥à¤šà¥à¤šà¤¯ बनाने के लिठकिया जाता है। फायर कà¥à¤²à¥‡ का उपयोग उन वसà¥à¤¤à¥à¤“ं को बनाने के लिठकिया जाता है जो अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• गरà¥à¤®à¥€ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¥€ हैं। इन उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ को दà¥à¤°à¥à¤¦à¤®à¥à¤¯ मिटà¥à¤Ÿà¥€ के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ कहा जाता है। आग रोक के लगà¤à¤— सà¤à¥€ आग रोक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ को बनाने के लिठउपयोग किया जाता है।
मà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€ और Kaolinite:
मà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€ खनिज पैलगोरोसाइट या à¤à¤Ÿà¤¾à¤ªà¥à¤²à¤—ाइट से बना है। मà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ मिटà¥à¤Ÿà¥€ का उपयोग जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° शोषक के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग कीटनाशकों और कीटनाशक से संबंधित उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¥€ किया जाता है। Kaolinite मिटà¥à¤Ÿà¥€ की à¤à¤• और विविधता है। यह खनिज काओलिन से बना है। यह उचà¥à¤š गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ वाले कागज और कà¥à¤› रिफà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤°à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ में à¤à¤• आवशà¥à¤¯à¤• घटक है, जिसमें पोरà¥à¤¸à¤²à¥‡à¤¨ à¤à¥€ शामिल हैं।
चीनी मिटà¥à¤Ÿà¥€:
चीन कà¥à¤²à¥‡ / काओलिन कà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से हाइडà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ à¤à¤²à¥à¤¯à¥‚मीनियम सिलिकेट है। इसमें मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से तेल अवशोषित करने वाले गà¥à¤£, कम चमक और पारà¤à¤¾à¤¸à¥€ गà¥à¤£ होते हैं। यह छà¥à¤ªà¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है और TiO2 के उपयोग को काफी हद तक कम करता है।
बेंटोनाइट:
बेंटोनाइट à¤à¤• तरह की मिटà¥à¤Ÿà¥€ है। इसका निरà¥à¤®à¤¾à¤£ जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤®à¥à¤–ीय राख के परिवरà¥à¤¤à¤¨ से हà¥à¤† है। बेंटोनाइट à¤à¤• तलछटी मिटà¥à¤Ÿà¥€ है जिसमें खनिज मोंटमोरोलाइट à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ घटक है। इसमें उचà¥à¤š पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ और बंधन शकà¥à¤¤à¤¿ है। यह वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप से सिंथेटिक फाउंडà¥à¤°à¥€ रेत में à¤à¤• डà¥à¤°à¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग à¤à¤œà¥‡à¤‚ट के रूप में, डà¥à¤°à¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग कीचड़ में, और अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ के लिठउपयोग किया जाता है। बेंटोनाइट का उपयोग पालतू कूड़े में तरल पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को अवशोषित करने के लिठकिया जाता है। इसका उपयोग डà¥à¤°à¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों में कीचड़ के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों में à¤à¥€ किया जाता है जैसे "अपने अयसà¥à¤• से लोहा निकालते समय" पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को तेज़ करना।
फेलà¥à¤¸à¥à¤ªà¤¾à¤°:
फेलà¥à¤¸à¥à¤ªà¤¾à¤° पृथà¥à¤µà¥€ की पपड़ी में सबसे पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में रॉक बनाने वाले खनिजों में से à¤à¤• है। खनिजों के फेलà¥à¤¸à¥à¤ªà¤¾à¤° समूह में पोटेशियम, सोडियम, कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® और कà¥à¤› समय बेरियम की बदलती मातà¥à¤°à¤¾ के साथ à¤à¤²à¥à¤¯à¥‚मिनो-सिलिकेटà¥à¤¸ की à¤à¤• जटिल शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला शामिल है। इनमें से सामानà¥à¤¯ हैं पोटाश फेलà¥à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤¸ जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ऑरà¥à¤¥à¥‹à¤•à¥à¤²à¥‡à¤œà¤¼ और माइकà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¾à¤‡à¤¨ कहा जाता है, सोडियम फेलà¥à¤¸à¥à¤ªà¤¾à¤° को à¤à¤²à¥à¤¬à¤¾à¤‡à¤Ÿ और कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® फेलà¥à¤¡à¤¸à¥à¤ªà¤¾à¤° को à¤à¤¨à¥‹à¤°à¥à¤¥à¤¾à¤‡à¤Ÿ कहा जाता है। देश में फेलà¥à¤¸à¥à¤ªà¤¾à¤° के कà¥à¤² संसाधनों का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगà¤à¤— 132 मिलियन टन है। राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ अकेले आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (16%), तमिलनाडॠ(7%), बिहार (4%) और पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल (3%) के बाद कà¥à¤² संसाधनों का लगà¤à¤— 66% है।
कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ और सिलिका सैंड:
'कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ' शबà¥à¤¦ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² अकà¥à¤¸à¤° सिलिका के परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के रूप में किया जाता है। सिलिका (SiO2) पृथà¥à¤µà¥€ की पपड़ी में मौजूद सामानà¥à¤¯ सामगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œà¤¾à¤‡à¤Ÿ, कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤œà¤¾à¤‡à¤Ÿ और सिलिका सैंड सà¤à¥€ à¤à¤• साथ à¤à¤• सामानà¥à¤¯ नाम 'सिलिका मिनरलà¥à¤¸' में गढ़े गठहैं। à¤à¤¸à¤¾ इसलिठहै कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये सà¤à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ अनिवारà¥à¤¯ रूप से कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤²à¥€à¤¯ सिलिकॉन डाइऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ (SiO2) हैं। कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤²à¥€à¤¯ कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ की महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ किसà¥à¤®à¥‡à¤‚ शिरा कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ (बड़े पैमाने पर कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤²à¥€à¤¯ कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ) हैं; दूधिया कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ (सफेद, अपारदरà¥à¤¶à¥€ के लिठपारदरà¥à¤¶à¥€); फेरà¥à¤œà¤¿à¤¨ कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ, नीलम, पारदरà¥à¤¶à¥€ कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ; गà¥à¤²à¤¾à¤¬ कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ और सà¥à¤®à¥‹à¤•à¥€ कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œà¥¤ देश में कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ और सिलिका रेत के कà¥à¤² संसाधनों का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगà¤à¤— 3,499 मिलियन टन है। अकेले हरियाणा में लगà¤à¤— 52% संसाधन हैं, इसके बाद राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (9.5%), तमिलनाडॠ(6.5%), आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (6%), महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° (5%), à¤à¤¾à¤°à¤–ंड (4.5%) और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• और गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ (3%) हैं। )।
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