à¤à¤¸à¥à¤¬à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¤¸:
à¤à¤¸à¥à¤¬à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¤¸ रेशेदार खनिजों का à¤à¤• समूह है। रेशेदार चरितà¥à¤°, जैसे कि रेशेदार चरितà¥à¤°, जैसे कि सà¥à¤‚दरता, लचीलापन, तनà¥à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿ और तंतà¥à¤“ं की लंबाई, आसव, कम गरà¥à¤®à¥€ चालकता और बिजली और धà¥à¤µà¤¨à¤¿ के लिठउचà¥à¤š पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ के अलावा à¤à¤¸à¤¿à¤¡ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जंग के लिà¤, à¤à¤¸à¥à¤¬à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¥‹à¤¸ वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• रूप से महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बनाते हैं। वाणिजà¥à¤¯à¤¿à¤• à¤à¤¸à¥à¤¬à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¥‹à¤¸ को दो मà¥à¤–à¥à¤¯ खनिज समूहों में वरà¥à¤—ीकृत किया गया है: सरà¥à¤ªà¤¿à¤¨ à¤à¤¸à¥à¤¬à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¥‹à¤¸ (कà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¸à¥‹à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² à¤à¤¸à¥à¤¬à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¥‹à¤¸) और à¤à¤®à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¬à¥‹à¤² à¤à¤¸à¥à¤¬à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¤¸à¥¤ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¦à¥à¤§ में à¤à¤¸à¥à¤¬à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¥‹à¤¸ खनिज शामिल हैं, जैसे, कांपोलाइट, à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‹à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ, à¤à¤‚थोफिलाइट, अमोसाइट और कà¥à¤°à¥‹à¤•à¤¿à¤¡à¥‹à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿà¥¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• रूप से, कà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¸à¥‹à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² अà¤à¥à¤°à¤• à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• गà¥à¤£à¥‹à¤‚ में कहीं बेहतर है और इसलिठअधिक मूलà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨ है। देश में अà¤à¥à¤°à¤• के कà¥à¤² संसाधन लगà¤à¤— 22.17 मिलियन टन हैं। कà¥à¤² संसाधनों में से, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में 13.6 मिलियन टन (61%) और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में 8.28 मिलियन टन (37%) की हिसà¥à¤¸à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है। शेष दो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ संसाधन à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, ओडिशा और उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में पाठजाते हैं।
बेराइट:
बेराइट या बैराइटियम बेरियम सलà¥à¤«à¥‡à¤Ÿ (BaSO4) का मामूली नरम कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤²à¥€à¤¯ खनिज रूप है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बेराइट के कà¥à¤² संसाधन लगà¤à¤— 73 मिलियन टन हैं। आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के कà¥à¤¡à¤ªà¥à¤ªà¤¾ जिले में मंगमपेट जमा दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सबसे बड़ा बेरेटी जमा है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¥‹à¤‚ और बेराइट के निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। अकेले आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में देश के 94% बेरेटी संसाधन हैं। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ लगà¤à¤— 85% बेराइटà¥à¤¸ का उपयोग तेल और गैस डà¥à¤°à¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग के लिठकिया जाता है, साथ ही डà¥à¤°à¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग में à¤à¤¾à¤° à¤à¤œà¥‡à¤‚ट à¤à¥€à¥¤ बेरियम कारà¥à¤¬à¥‹à¤¨à¥‡à¤Ÿ में इसके रूपांतरण के बाद à¤à¤• और अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— सिरेमिक और गà¥à¤²à¤¾à¤¸ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बेराइट के कà¥à¤² संसाधन लगà¤à¤— 73 मिलियन टन हैं। आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के कà¥à¤¡à¤ªà¥à¤ªà¤¾ जिले में मंगमपेट जमा दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सबसे बड़ा बेरेटी जमा है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¥‹à¤‚ और बेराइट के निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। अकेले आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में देश के 94% बेरेटी संसाधन हैं।
बोरेकà¥à¤¸:
बोरेकà¥à¤¸, जिसे सोडियम बोरेट, सोडियम टेटà¥à¤°à¤¾à¤¬à¥‹à¤°à¥‡à¤Ÿ, या डिसोडियम टेटà¥à¤°à¤¾à¤¬à¥‹à¤°à¥‡à¤Ÿ के रूप में à¤à¥€ जाना जाता है, à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बोरॉन यौगिक, à¤à¤• खनिज और बोरिक à¤à¤¸à¤¿à¤¡ का à¤à¤• नमक है। पाउडर बोरेकà¥à¤¸ सफेद होता है, जिसमें नरम रंगहीन कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤² होते हैं जो पानी में आसानी से घà¥à¤² जाते हैं। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में à¤à¤• बोरान यौगिक, इनका उपयोग डिटरà¥à¤œà¥‡à¤‚ट, सौंदरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤§à¤¨ और तामचीनी गà¥à¤²à¥‡à¤œà¤¼ की निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में किया जाता है। इसके अलावा, इनका उपयोग जैव रसायन में बफर समाधान के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के लिठà¤à¥€ किया जा सकता है, अगà¥à¤¨à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¥€ के रूप में, शीसे रेशा के लिठà¤à¤‚टी-फंगल यौगिक के रूप में, कीटनाशक के रूप में, धातॠविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ के रूप में और अनà¥à¤¯ बोरान यौगिकों के अगà¥à¤°à¤¦à¥‚त के रूप में। सोडियम बोराट, सोडियम टेटà¥à¤°à¤¾à¤¬à¥‹à¤°à¥‡à¤Ÿ या डिसोडियम टेटà¥à¤°à¤¾à¤¬à¥‹à¤°à¥‡à¤Ÿ के रूप में à¤à¥€ जाना जाता है, ये महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बोरान यौगिक, à¤à¤• खनिज और बोरिक à¤à¤¸à¤¿à¤¡ का à¤à¤• नमक हैं। आमतौर पर à¤à¤• सफेद पाउडर के रूप में पेश किया जाता है, इसमें नरम रंगहीन कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤² होते हैं जो पानी में आसानी से घà¥à¤² जाते हैं।
केलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ:
कैलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® का à¤à¤• कारà¥à¤¬à¥‹à¤¨à¥‡à¤Ÿ (CaCO3) है जिसमें 56% CaO और 44% CO2 है। यह महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक खनिजों में से à¤à¤• है जिसे लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ रूप से 'कैलà¥à¤• सà¥à¤ªà¤¾à¤°' के रूप में जाना जाता है। केलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ की शà¥à¤¦à¥à¤§ और पारदरà¥à¤¶à¥€ किसà¥à¤® को 'आइसलैंड सà¥à¤ªà¤¾à¤°' के रूप में जाना जाता है जिसका उपयोग सूकà¥à¤·à¥à¤®à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥€ में निकोल पà¥à¤°à¤¿à¤œà¥à¤® के रूप में किया जाता है। केलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ की उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में केलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ के कà¥à¤² संसाधनों का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगà¤à¤— 20.94 मिलियन टन है। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में कैलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ संसाधनों का सबसे बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ (50%) है, इसके बाद आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (42%) और मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (6%) है। शेष संसाधन करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤•, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, हरियाणा, तमिलनाडॠऔर उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं।
चाक:
चाक खनिज चूना पतà¥à¤¥à¤° का à¤à¤• रूप है जो मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से कैलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ खनिज से बना होता है। चाक खनिज à¤à¤• नरम, सफेद और à¤à¤°à¤à¤°à¤¾ तलछटी चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ है। बà¥à¤²à¥ˆà¤•-बोरà¥à¤¡ पर लिखने के लिठचाक का वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप से उपयोग किया जाता है और टूथपेसà¥à¤Ÿ में छोटी मातà¥à¤°à¤¾ का à¤à¥€ उपयोग किया जाता है।
डायसà¥à¤ªà¥‹à¤°:
डायसà¥à¤ªà¥‹à¤° बॉकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ का à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ घटक है। इसका उपयोग मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से उचà¥à¤š-à¤à¤²à¥à¤¯à¥‚मिना दà¥à¤°à¥à¤¦à¤®à¥à¤¯ ईंट बनाने के लिठकिया जाता है। इसका उपयोग पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• उदà¥à¤¯à¥‹à¤— में à¤à¤°à¤¾à¤µ के रूप में à¤à¥€ किया जाता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में डायसà¥à¤ªà¥‹à¤° के कà¥à¤² संसाधन लगà¤à¤— 5.98 मिलियन टन हैं। इनमें से 63% मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में, 37% उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में और à¤à¤• मामूली मातà¥à¤°à¤¾ में जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं।
डायटोमाइट:
डायटोमाइट बेहद महीन दानेदार और अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• शोषक है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कोई काम करने योगà¥à¤¯ डायटोमाइट जमा नहीं है। डायटोमाइट की लगà¤à¤— पूरी घरेलू आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ को आयात के माधà¥à¤¯à¤® से पूरा किया जाता है।
डोलोमाइट:
डोलोमाइट में सैदà¥à¤§à¤¾à¤‚तिक रूप से CaCO3 54.35% और MgCO3 45.65% शामिल हैं। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में, डोलोमाइट इस सटीक अनà¥à¤ªà¤¾à¤¤ में उपलबà¥à¤§ नहीं है। इसलिà¤, 40-45% MgCO3 यà¥à¤•à¥à¤¤ चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ को आमतौर पर डोलोमाइट कहा जाता है। यह फà¥à¤²à¤•à¥à¤¸ और निरà¥à¤®à¤¾à¤£ खनिजों के तहत समूहीकृत है। यह लोहा और इसà¥à¤ªà¤¾à¤¤ और लौह-मिशà¥à¤° धातà¥à¤“ं के उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों के लिठमहतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। डोलोमाइट की घटनाà¤à¤‚ देश में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• हैं। डोलोमाइट के कà¥à¤² संसाधन लगà¤à¤— 7,730 मिलियन टन हैं। लगà¤à¤— 91% संसाधनों का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हिसà¥à¤¸à¤¾ आठराजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में वितरित किया जाता है: मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (29%), आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (15%), छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ (11%), ओडिशा और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• (9% पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤•), गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ (7%), राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ ( 6%) और महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° (5%)। शेष 9% संसाधन अरà¥à¤£à¤¾à¤šà¤² पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, हरियाणा, सिकà¥à¤•à¤¿à¤®, तमिलनाडà¥, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल में वितरित किठजाते हैं।
डà¥à¤¯à¥‚नाइट:
डà¥à¤¯à¥‚नाइट à¤à¤• मोनोमेलरिक अलà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥ˆà¤¬à¤¾à¤¸à¤¿à¤• रॉक है जिसमें कम या जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ शà¥à¤¦à¥à¤§ ओलिविन होता है। डà¥à¤¯à¥‚नाइट में आमतौर पर 36 से 42% MgO और 36 से 39% SiO2 होता है। इसका उपयोग सिंटरिंग में और डोलोमाइट के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर बà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿ फरà¥à¤¨à¥‡à¤¸ में फà¥à¤²à¤•à¥à¤¸à¤¿à¤‚ग à¤à¤œà¥‡à¤‚ट के रूप में किया जाता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में डà¥à¤¨à¤‡à¤Ÿ की घटनाà¤à¤‚ होती हैं; ओडिशा, नागालैंड और तमिलनाडà¥à¥¤
फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾à¤‡à¤Ÿ:
फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾à¤‡à¤Ÿ या फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¸à¥à¤ªà¤¾à¤° खनिज है जिसमें कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾à¤‡à¤¡ (CaF2) होता है। यह फà¥à¤²à¥‹à¤°à¥€à¤¨ का à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ वाणिजà¥à¤¯à¤¿à¤• सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है। फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾à¤‡à¤Ÿ à¤à¤²à¥à¤¯à¥‚मीनियम, गैसोलीन, इनà¥à¤¸à¥à¤²à¥‡à¤Ÿ फोम, रेफà¥à¤°à¤¿à¤œà¤°à¥‡à¤‚ट, सà¥à¤Ÿà¥€à¤² और यूरेनियम ईंधन के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ है। देश में फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¾à¤‡à¤Ÿ के कà¥à¤² संसाधन लगà¤à¤— 18.2 मिलियन टन होने का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है। गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में कà¥à¤² संसाधनों का 66% 12 मिलियन टन है, इसके बाद राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ 5.24 मिलियन टन (29%), छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ 0.55 मिलियन टन (3%) और महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° 0.42 मिलियन टन (2%) है।
लेटराइट:
लेटराइट à¤à¤• अवशिषà¥à¤Ÿ फेरà¥à¤œà¤¿à¤¨ चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ है। यह आमतौर पर बॉकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ के साथ करीबी आनà¥à¤µà¤‚शिक सहयोग में उषà¥à¤£à¤•à¤Ÿà¤¿à¤¬à¤‚धीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में पाया जाता है। Err लेटराइट ’शबà¥à¤¦ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² मूल रूप से तटीय केरल के मालाबार कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° और दकà¥à¤·à¤¿à¤£ करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• के अनà¥à¤¯ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में पहली बार देखी गई अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• à¤à¤¯à¤‚कर जमाओं के लिठकिया गया था। यह à¤à¤• उचà¥à¤š अनà¥à¤à¤µà¥€ सामगà¥à¤°à¥€ है, जो लोहे, à¤à¤²à¥à¤¯à¥‚मीनियम या दोनों के माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• ऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ में समृदà¥à¤§ है। लेटराइट और बॉकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ à¤à¤• साथ होने की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ दिखाते हैं। à¤à¤²à¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¸ लेटराइट और फेरà¥à¤œà¤¿à¤¨à¤¸ बॉकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ काफी आम हैं। लेटराइट की घटनाओं को पूरे देश से सूचित किया जाता है। जमà¥à¤®à¥‚ और कशà¥à¤®à¥€à¤° को छोड़कर लगà¤à¤— सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ बॉकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ डिपॉजिट लेटराइट से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हैं। मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, आनà¥à¤§à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़, गोवा, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤•, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, ओडिशा, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, तमिलनाडà¥, उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, मणिपà¥à¤° और अंडमान और निकोबार दà¥à¤µà¥€à¤ª समूह में लेटराइट आते हैं।
चूना पतà¥à¤¥à¤°:
चूना पतà¥à¤¥à¤° शबà¥à¤¦ किसी à¤à¥€ कैलà¥à¤•à¥‡à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¸ तलछटी चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ पर लागू होता है जिसमें कारà¥à¤¬à¥‹à¤¨à¥‡à¤Ÿà¥à¤¸ होते हैं। दो सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ घटक कैलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ और डोलोमाइट हैं। चूना पतà¥à¤¥à¤° में अकà¥à¤¸à¤° मैगà¥à¤¨à¥€à¤¶à¤¿à¤¯à¤® कारà¥à¤¬à¥‹à¤¨à¥‡à¤Ÿ होता है, या तो डोलोमाइट सीà¤à¤à¤®à¤œà¥€ (सीओ 3) 2 या मैगà¥à¤¨à¥‡à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ (à¤à¤®à¤œà¥€à¤¸à¥€à¤“ 3) केलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ के साथ मिलाया जाता है। आयामी चूना पतà¥à¤¥à¤° का उपयोग à¤à¤µà¤¨ और सजावटी पतà¥à¤¥à¤° के रूप में किया जाता है। चूना पतà¥à¤¥à¤° के कà¥à¤² संसाधनों का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगà¤à¤— 184,935 मिलियन टन है। करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (20%), राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (12%), गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ (11%), मेघालय (9%) और छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ (5%) के बाद कà¥à¤² संसाधनों का 28% है।
मारà¥à¤²:
गतिशील या संपरà¥à¤• मेटामोरà¥à¤«à¤¿à¤œà¤¼à¥à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ लिमसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ मोटे कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤²à¥€à¤¯ बन जाते हैं और इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 'मारà¥à¤¬à¤²' और 'कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤²à¥€à¤¯ लिमसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨' के रूप में जाना जाता है। लिमसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ की अनà¥à¤¯ सामानà¥à¤¯ किसà¥à¤®à¥‡à¤‚ 'मारà¥à¤²', 'ऑलाइट' (oolitic limestone), शेली लाइमसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨, algal limestone, coral limestone, pisolitic limestone, crinoidal limestone, travertine, गोमेद, हाइडà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¿à¤• लिमसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨, lithographic limestone, आदि marl, पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ शबà¥à¤¦ हैं। ठीक-ठीक खनिजों के à¤à¤• मिटà¥à¤Ÿà¥€ के मिशà¥à¤°à¤£ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करने के लिà¤à¥¤ मारà¥à¤² या मारà¥à¤²à¤¸à¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ à¤à¤• कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® कारà¥à¤¬à¥‹à¤¨à¥‡à¤Ÿ या चूने से समृदà¥à¤§ मिटà¥à¤Ÿà¥€ या मडसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ है जिसमें चर और गाद की चर मातà¥à¤°à¤¾ होती है। अधिकांश मारà¥à¤¬à¤²à¥à¤¸ में पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कारà¥à¤¬à¥‹à¤¨à¥‡à¤Ÿ खनिज केलà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤Ÿ है, लेकिन अनà¥à¤¯ कारà¥à¤¬à¥‹à¤¨à¥‡à¤Ÿ खनिज जैसे कि अरà¥à¤—ोनोइट, डोलोमाइट और साइडराइट मौजूद हो सकते हैं।
अà¤à¥à¤°à¤•:
अà¤à¥à¤°à¤• समूह 34 phyllosilicate खनिजों का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करता है जो à¤à¤• सà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤¤ या परतदार संरचना पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करता है। वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• रूप से महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ अà¤à¥à¤°à¤• खनिज मसà¥à¤•à¥‰à¤µà¥€à¤Ÿ (पोटाश या सफेद अà¤à¥à¤°à¤•) और फà¥à¤²à¥‹à¤—ोपाइट (मैगà¥à¤¨à¥€à¤¶à¤¿à¤¯à¤® या अंबर जिका) हैं। देश में अà¤à¥à¤°à¤• के कà¥à¤² संसाधन लगà¤à¤— 532,237 टन होने का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है। देश के कà¥à¤² संसाधनों में 41% हिसà¥à¤¸à¤¾ आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का है, इसके बाद राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (21%), ओडिशा (20%), महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° (15%), बिहार (2%) और à¤à¤¾à¤°à¤–ंड में संतà¥à¤²à¤¨ (1% से कम) है।
गेरू:
गेरू à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पृथà¥à¤µà¥€ वरà¥à¤£à¤• है जिसमें हाइडà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ आयरन ऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ होता है, जिसका रंग पीले से गहरे नारंगी या à¤à¥‚रे रंग तक होता है। पिगमेंटरी की गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से लौह ऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ के कारण है; हाइडà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ आयरन ऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ पीला रंग और निरà¥à¤œà¤² आयरन ऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ लाल रंग पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। फेरस और फेरिक ऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ का मिशà¥à¤°à¤£ अनà¥à¤¯ रंगों के अलावा मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से à¤à¥‚रे रंग का होता है। ऑकरे नॉन-टॉकà¥à¤¸à¤¿à¤• हैं और इसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² à¤à¤¸à¥‡ पेंट बनाने के लिठकिया जा सकता है जो जलà¥à¤¦à¥€ सूख जाते हैं और सतहों को अचà¥à¤›à¥€ तरह से ढक लेते हैं। देश के कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से गेरू के शिकार की सूचना मिली है। लाल गेरू के जमा मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ गोदावरी और आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में विशाखापतà¥à¤¤à¤¨à¤® जिलों में पाठजाते हैं; गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में बनासकांठा जिला; करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में बीदर जिला; मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में सतना और गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° जिले; महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° में नागपà¥à¤° जिला; और राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼à¤—ढ़ और उदयपà¥à¤° जिले। आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के गà¥à¤‚टूर और कà¥à¤°à¤¨à¥‚ल जिलों में पीले गेरू के à¤à¤‚डार पाठजाते हैं; मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में जबलपà¥à¤°, मंडला, सतना और शहडोल जिले और महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° में नागपà¥à¤° जिला।
पेरà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ:
पेरà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤®à¥à¤–ी कांच है जिसमें मोती की चमक होती है। गरà¥à¤® होने पर यह फैलता है और छिदà¥à¤°à¤ªà¥‚रà¥à¤£ हो जाता है। कचà¥à¤šà¥‡ पेरà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ का रंग हलà¥à¤•à¤¾ काला चमकदार होता है जबकि, विसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ पेरà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ का रंग बरà¥à¤«à¥€à¤²à¥‡ सफेद से लेकर सफेद तक होता है। पेरà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ को उदà¥à¤¯à¥‹à¤— में कà¥à¤°à¥‚ड पेरलाइट और à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥‡à¤‚डेड पेरलाइट दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। अधिकांश पेरलाइट को गरà¥à¤® करके अलà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾ लाइट पेरलाइट का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करने के लिठविसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया जाता है। कà¥à¤°à¥‚ड पेराईट को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ आकार के अंशों को कà¥à¤šà¤²à¤¨à¥‡ और सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤‚ग दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तैयार किया जाता है। पेरà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ का à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° जमाव गà¥à¤°à¤¾à¤® पटनव, जिला राजकोट, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है।
कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤œà¤¾à¤‡à¤Ÿ:
कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œà¤¾à¤‡à¤Ÿ à¤à¤• चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ है जिसमें कायापलट यà¥à¤•à¥à¤¤ कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤œ होता है। कà¥à¤² कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤œà¤¾à¤‡à¤Ÿ संसाधनों का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगà¤à¤— 1,251 मिलियन टन है। लगà¤à¤— 50% के थोक संसाधन बिहार (22%), महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° (7%), पंजाब (6.5%), ओडिशा (5%) और à¤à¤¾à¤°à¤–ंड (3%) के बाद हरियाणा में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं।
सेंधा नमक:
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सेंधा नमक की कमी बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है। à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾, हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ सालà¥à¤Ÿ लिमिटेड, जयपà¥à¤° ने जिला मंडी, हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अपनी खानों से नमक का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ किया। आम नमक का मà¥à¤–à¥à¤¯ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ पानी (लगà¤à¤— 82%) है। सौर ऊषà¥à¤®à¤¾ के कारण वाषà¥à¤ªà¥€à¤•à¤°à¤£ के बाद यह उप मृदा से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जा रहा है। नमक (आम) मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से विशाल तटीय राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में समà¥à¤¦à¥à¤° के पानी के सौर वाषà¥à¤ªà¥€à¤•à¤°à¤£ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ होता है। गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ तमिलनाडà¥, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, ओडिशा, करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤•, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल, गोवा और दीव दमन के बाद अगà¥à¤°à¤£à¥€ राजà¥à¤¯ था।
टैलà¥à¤• / सà¥à¤Ÿà¥€à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤Ÿ / सोपसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨:
टैलà¥à¤• à¤à¤• हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨à¥€ मैगà¥à¤¨à¥€à¤¶à¤¿à¤¯à¤® सिलिकेट है। वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° समानता में, टैलà¥à¤• में अकà¥à¤¸à¤° शामिल होते हैं: (i) गà¥à¤šà¥à¤›à¥‡ और रेशों के रूप में खनिज टैलà¥à¤•; (ii) सà¥à¤Ÿà¥€à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤Ÿ, उचà¥à¤š शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ के तालक की विशाल कॉमà¥à¤ªà¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ कà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤Ÿà¥‹à¤•à¤°à¥‡à¤‚सी किसà¥à¤®; और (iii) सोपसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨, बड़े पैमाने पर तालक चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ जिसमें परिवरà¥à¤¤à¤¨à¤¶à¥€à¤² तालक (आमतौर पर 50%) होते हैं, जो पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में नरम और साबà¥à¤¨ है। तालक के गà¥à¤£ जो विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों में इसके उपयोग को सकà¥à¤·à¤® करते हैं। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में संसाधनों की परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ मातà¥à¤°à¤¾ (49%) और उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड (29%) सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हैं। शेष 22% संसाधन आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, बिहार, छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤•, केरल, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, ओडिशा, सिकà¥à¤•à¤¿à¤® और तमिलनाडॠमें हैं। टैलà¥à¤•, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° कागज, कपड़ा, रबर, कीटनाशक और उरà¥à¤µà¤°à¤• उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों में à¤à¤°à¤¾à¤µ के रूप में उपयोग किया जाता है। सोपसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ पाउडर का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² फाउंडà¥à¤°à¥€ इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ में पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग à¤à¤œà¥‡à¤‚ट के रूप में à¤à¥€ किया जाता है। पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग à¤à¤œà¥‡à¤‚टों का उपयोग पैटरà¥à¤¨ उपकरण और कोर बकà¥à¤¸à¥‡ से मोलà¥à¤¡ और कोर की आसान रिहाई के लिठकिया जाता है।
वरà¥à¤®à¥€à¤•à¥à¤²à¤¾à¤ˆà¤Ÿ:
वरà¥à¤®à¥€à¤•à¥à¤²à¤¾à¤ˆà¤Ÿ सूकà¥à¤·à¥à¤® खनिज (अनिवारà¥à¤¯ रूप से अल, à¤à¤®à¤œà¥€ और फे के हाइडà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ सिलिकेट) हैं, जो आमतौर पर बायोटाइट या फ़à¥à¤²à¥‹à¤—ोपाइट माइक के परिवरà¥à¤¤à¤¨ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ हैं। संसाधन तमिलनाडॠ(75%), आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (14%), करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• (8%), राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (2%) और à¤à¤¾à¤°à¤–ंड (1%) में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। मामूली संसाधन गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। वरà¥à¤®à¥€à¤•à¥à¤²à¤¾à¤ˆà¤Ÿ अपने बागवानी अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों के लिठजाना जाता है। यह मिटà¥à¤Ÿà¥€ के बरà¥à¤¤à¤¨ बनाने का à¤à¤• सामानà¥à¤¯ घटक है।
जिरकोन:
जिरकोन (ZrSiO4) आम तौर पर à¤à¤¾à¤°à¥€ खनिज रेत असेंबलियों में à¤à¤• घटक के रूप में पाया जाता है, जिसमें अलग-अलग अनà¥à¤ªà¤¾à¤¤ में इलà¥à¤®à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ, रूटाइल, लà¥à¤¯à¥‚कोकà¥à¤¸à¤¿à¤¨, मोनाजाइट और गारà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿ शामिल हैं। जिरकोन देश के तटीय इलाकों के साथ अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¥€ खनिजों, जैसे इलà¥à¤®à¥‡à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ, रूटाइल और मोनाजाइट के साथ घनिषà¥à¤ संबंध में होता है। गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, तमिलनाडà¥, केरल, ओडिशा और पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल के कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में घटनाà¤à¤‚ हो रही हैं।
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