कोयला और लिगà¥à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ
सतत विकास में कोयला à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ है। यह बिजली उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के लिठसबसे वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप से उपयोग किया जाने वाला ऊरà¥à¤œà¤¾ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ और इसà¥à¤ªà¤¾à¤¤ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के लिठà¤à¤• आवशà¥à¤¯à¤• इनपà¥à¤Ÿ है। आधà¥à¤¨à¤¿à¤• दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सामने आने वाली चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सामना करने के लिठकोयला à¤à¤• आवशà¥à¤¯à¤• संसाधन है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में 1774 से वाणिजà¥à¤¯à¤¿à¤• कोयला खनन का लंबा इतिहास रहा है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में, बिजली कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में लगà¤à¤— 80% कोयला उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ होता है। इसके अलावा, सीमेंट, उरà¥à¤µà¤°à¤•, रसायन, कागज और हजारों मधà¥à¤¯à¤® और लघॠउदà¥à¤¯à¥‹à¤— जैसे अनà¥à¤¯ उदà¥à¤¯à¥‹à¤— अपनी पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ और ऊरà¥à¤œà¤¾ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं के लिठकोयले पर निरà¥à¤à¤° हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कोयला जमा मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¦à¥à¤µà¥€à¤ªà¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पूरà¥à¤µà¥€ और मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤—ों में होने वाली गोंडवाना तलछटों में केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ है, हालाà¤à¤•à¤¿ गोंडवाना कोयला जमा असम और सिकà¥à¤•à¤¿à¤® में देश के उतà¥à¤¤à¤° पूरà¥à¤µà¥€ हिसà¥à¤¸à¥‡ में à¤à¥€ होता है। तृतीयक कोयला-असर तलछट असम, अरà¥à¤£à¤¾à¤šà¤² पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, नागालैंड और मेघालय में पाठजाते हैं।
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ लिगà¥à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ जमा विशेष रूप से तमिलनाडà¥, पà¥à¤¦à¥à¤šà¥‡à¤°à¥€, केरल, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ और जमà¥à¤®à¥‚ और कशà¥à¤®à¥€à¤° में दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ और पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ हिसà¥à¤¸à¥‡ में तृतीयक तलछट में होते हैं। अनà¥à¤¯ राजà¥à¤¯ जहां लिगà¥à¤¨à¤¾à¤‡à¤Ÿ जमा किया गया है, वे हैं गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, जमà¥à¤®à¥‚ और कशà¥à¤®à¥€à¤°, केरल, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल और केंदà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ पà¥à¤¡à¥à¤šà¥‡à¤°à¥€à¥¤
पेटà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¿à¤¯à¤® और पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• गैस
तेल और गैस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के छह पà¥à¤°à¤®à¥à¤– उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों में से à¤à¤• है और अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ वरà¥à¤—ों के लिठनिरà¥à¤£à¤¯ लेने को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करने में à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में 01.04.2015 तक कà¥à¤°à¥‚ड ऑयल के 763.476 à¤à¤®à¤à¤®à¤Ÿà¥€ और पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• गैस के 1488.73 बीसीà¤à¤® के कà¥à¤² à¤à¤‚डार हैं। 2014-15 में, अपतटीय कचà¥à¤šà¥‡ तेल उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ का हिसà¥à¤¸à¤¾ लगà¤à¤— 50.2% था। शेष कचà¥à¤šà¥‡ तेल का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ 6 राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (0.7%), अरà¥à¤£à¤¾à¤šà¤² पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ (0.2%), असम (12.1%), गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ (12.5%), राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (23.7%) और तमिलनाडॠ(0.6%) से हà¥à¤† था। । दिसंबर 2014 तक 2014-15 में पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• गैस उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• गैस का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ ओà¤à¤¨à¤œà¥€à¤¸à¥€, ओआईà¤à¤² और निजी / जेवी कंपनियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लगà¤à¤— 25.319 बिलियन कà¥à¤¯à¥‚बिक मीटर (बीसीà¤à¤®) या 92.1 à¤à¤®à¤à¤®à¤à¤¸à¤¸à¥€à¤à¤®à¤¡à¥€ है। देश के 15 तलछटी घाटियों और गहरे पानी वाले कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤¾à¤—ैतिहासिक पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• हाइडà¥à¤°à¥‹à¤•à¤¾à¤°à¥à¤¬à¤¨ संसाधन 28.1 बिलियन टन (गैस के तेल और तेल के बराबर) के कà¥à¤°à¤® के हैं।
कोल बेड मिथेन (CBM):
CBM बà¥à¤²à¥‰à¤• आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, असम, छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, ओडिशा राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, तमिलनाडॠऔर पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में हैं।
शेल गैस :
शेल गैस देश में ऊरà¥à¤œà¤¾ के à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ नठसà¥à¤°à¥‹à¤¤ के रूप में उà¤à¤° सकती है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कई Shale फॉरà¥à¤®à¥‡à¤¶à¤¨ हैं जो Shale Gas और Oil को पकड़ते हैं। द शेल गैस फॉरà¥à¤®à¥‡à¤¶à¤¨ कई तलछटी घाटियों में फैले हà¥à¤ हैं जैसे कि कैमà¥à¤¬à¥‡, गोंडवाना, कृषà¥à¤£à¤¾-गोदावरी और कावेरी।
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